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मान्यवर हरिवंश जी की 10 और किताबें : अब मेरे निजी पुस्तकालय-संदर्भालय में 

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मान्यवर हरिवंश जी की 10 और किताबें

अब मेरे निजी पुस्तकालय-संदर्भालय में

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सुरेंद्र किशोर

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मशहूर पत्रकार और राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश जी

की दस किताबांे का सेट अब मेरे सामने है।

ये किताबें ‘समय के सवाल’सीरीज के तहत प्रकाशन संस्थान (नई दिल्ली)से छपी हैं।

इन पुस्तकों का संपादन जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय के पूर्व प्राध्यापक और हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक डाॅ.ओम प्रकाश सिंह के मार्ग दर्शन में हुआ है।

इन किताबों के अलग-अलग खंडा़ें में हरिवंश जी की करीब चार दशक(1977-2017)की पत्रकारिता में लिखे लेखों का संकलन है।

ये आलेख नव भारत टाइम्स,धर्मयुग(टाइम्स आॅफ इंडिया प्रकाशन समूह),रविवार(आनंद बाजार पत्रिका समूह)प्रभात खबर,इंडिया टूडे समेत अन्य प्रकाशन संस्थानों में रिपोर्ट,रिपोर्ताज,विश्लेषण,त्वरित टिप्पणी,अग्रलेख ,साक्षात्कार,यात्रा वृतांत आदि के रूप में प्रकाशित हुए थे।

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पुस्तकों के नाम हैं-

1.-बिहार सपना और सच

2.-झारखंड सम्पन्न धरती,उदास बसंत

3.-झारखंड चुनौती भी,अवसर भी

4.-राष्ट्रीय चरित्र का आईना

5.-पतन की होड़

6.-भविष्य का भारत़

7.-सरोकार और संवाद

8.-अतीत के पन्ने

9.-ऊर्जा के उत्स

10-सफर के शेष

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पुस्तक -‘बिहार सपना और सच’ के बारे में इन पुस्तकों के संपादक डा.ओम प्रकाश सिंह ने लिखा है कि

‘बिहार देश का एक ऐसा राज्य है जिसका नाम इतिहास के पन्नों में वैभव और समृद्धि के लिए दर्ज है।

पाटलिपुत्र,मगध,वैशाली के बारे में इतिहास के पन्नों को उलट -पुलट कर हम केवल गौरवान्वित ही नहीं होते बल्कि आज भी उसकी आवश्यकता महसूस करते हैं।

वही बिहार जिसका अतीत रचनाकारों के लिए आज भी उपजीव्य बना हुआ है,उसका वर्तमान कैसा है,इस पुस्तक के माध्यम से बखूबी उजागर होता है।

इस पुस्तक मंे हरिवंश जी के वे उद्गार संकलित हैं,जो 1979 से 2020 के बीच बिहार की दशा देख कर फूट पड़े थे।हरिवंश जी राजनेता हैं,पर इसके पूर्व वे सफल पत्रकार हैं।

बिहार से वे लंबे समय से जुड़े रहे हैं।

कुछ अर्थों में वह उनकी कर्मस्थली है।

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प्रकाशक-

प्रकाशन संस्थान,

4268-बी/3,अंसारी रोड,

दरियागंज,

नयी दिल्ली -110002

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फोन-011-23253234 और

43549101

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2 मार्च 2025

वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार।

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