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पुस्तक-संवाद 30 नवंबर को

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*पुस्तक-संवाद 30 नवंबर को*

मधेपुरा। बीएनएमयू, मधेपुरा
की अंगीभूत इकाई ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा
में आगामी 30 नवंबर, 2025 (रविवार) को पूर्वाह्न 11:00 बजे से बहुचर्चित पुस्तक ‘संस्कृति’ पर केंद्रित पुस्तक-संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। आयोजन सचिव सह दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव द्वारा अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। तदुपरांत ‘संस्कृति’ पुस्तक के लेखक डॉ. आलोक टंडन का मुख्य वक्तव्य होगा और इस पर विभिन्न विद्वानों की टिप्पणियां होंगी। कार्यक्रम के अंत में दर्शनशास्त्र विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचएनबीयु), श्रीनगर-गढ़वाल में दर्शनशास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) इंदु पाण्डेय खंडूरी का अध्यक्षीय वक्तव्य होगा ‌

डॉ. शेखर ने बताया कि आज संस्कृति को लेकर शोर बहुत है, लेकिन समझ कम है। वैचारिक भ्रम और आत्ममुग्धता के शिकार हम, संस्कृति एवं परम्परा, संस्कृति एवं धर्म, संस्कृति एवं सभ्यता में भेद कर पाने का विवेक खो बैठे हैं। ऐसे में डॉ. आलोक टंडन की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘संस्कृति’ जिज्ञासुओं के लिए एक मील का पत्थर है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक संस्कृति की सैद्धांतिक समझ को समृद्ध करते हुए वर्तमान में उभरती वैश्विक चुनौतियों से उत्पन्न सांस्कृतिक संकट के समाधान हेतु एक आलोचनात्मक विवेक जगाने की कोशिश करती है।वर्तमान संस्कृति-विमर्श के लिये यह जरूरी किताब है। इसलिए इसको केंद्र में रखकर पुस्तक-संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

*कौन हैं डॉ. टंडन?* : डॉ. आलोक देश के जाने-माने समाज-दार्शनिक हैं। इन्होंने तीन विषयों यथा- समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया है और दर्शनशास्त्र विषय में पीएच.डी की है। ‘धर्म और हिंसा’ विषय पर शोधकार्य करने हेतु भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा फेलोशिप और भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद द्वारा रेजिडेंट और प्रोजेक्ट फेलोशिप प्राप्त हुआ है। सौ से अधिक सेमिनारों- सम्मेलनों में शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण के साथ-साथ वक्ता के रूप में भागीदारी दिया है। आपके दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए अखिल भारतीय दर्शन परिषद द्वारा नागर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। आपकी पुस्तक ‘लिविंग टुगेदर: रिथिंकिंग आइडेंटिटि एण्ड डिफरेंस इन मॉडर्न कॉन्टेक्ट’ को इंडियन फिलोसॉफिकल कांग्रेस द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुस्तक (2023) का ‘प्रणवानंद पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है। आपकी अन्य पुस्तकें हैं-मैन एण्ड हिज डेस्टिनी (अंग्रेजी), विकल्प और विमर्श, समय से संवाद, अस्मिता और अन्यता एवं संस्कृति।

*कौन हैं प्रो. खंडूरी*
प्रो. (डॉ.) इंदु पाण्डेय खंडूरी, एचएनबीजीयू, श्रीनगर-गढ़वाल में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं एमएमटीटी केंद्र की निदेशक रही हैं। आपने अपनी स्नातक की उपाधि बीएचयू, वाराणसी से, स्नातकोत्तर की डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से और पीएच. डी. की उपाधि
जेएनयू, नई दिल्ली से प्राप्त की है। आप एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में लगभग 35 वर्षों से अध्यापन कर रही हैं। आपकी 05 पुस्तकें तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 42 शोध पत्र प्रकाशित हैं ।

आपने अकादमिक प्रस्तुतियों के लिए दक्षिण कोरिया, ग्रीस और रोमानिया का दौरा किया है। आपने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं और सौ से अधिक व्याख्यान ऑनलाइन- ऑफलाइन व्याख्यान दिया है।

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