परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर मिश्र ने पूरे किये एक वर्ष, गिनाई कई उपलब्धियां”…
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर कुमार मिश्रा के एक वर्ष पूरे होने के साथ ही परीक्षा विभाग ने शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में कई अहम उपलब्धियां दर्ज की हैं।
परीक्षा विभाग की सक्रियता से स्टूडेंट्स को बड़ी सहूलियत हो रही है। समय पर परीक्षा और परिणाम भी – आने लगे हैं।
परीक्षा विभाग द्वारा बताए गए आंकड़े के अनुसार 19 दिसंबर 2024 से 14 अगस्त 2025 तक 51 परीक्षाएं आयोजित की गई है। 52 वां परीक्षा यानी 19 सितंबर से छह अक्टूबर के बीच स्नातक फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित होगी। साथ ही जबकि तीन सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक विश्वविद्यालयने 72 शोधार्थियों को पीएचडी मौखिकी के बाद नोटिफिकेशन प्रदान की है।
5373 आवेदक स्टूडेंट्स को दिया गया है मूल प्रमाण पत्र: इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक डा. शंकर मिश्रा ने बताया कि बीते एक वर्ष में 4433 स्टूडेंट्स का पेंडिंग परीक्षा परिणाम को सुधार किया गया है। इसमें स्नातक के 3732, बीएड के 306 एवं स्नातकोत्तर के 395 छात्र छात्राओं के पेंडिंग परीक्षा परिणाम को
सुधार किया गया है। परीक्षा विभाग ने बीते एक वर्ष यानी एक सितंबर 2024 से नौ सितंबर 2025 तक 5373 आवेदक छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण पत्र दिया गया है। इनमें स्नातक के 2619 आनलाइन एवं 1079 आफलाइन, एलएलबी, बीएलआईएस, एमएलआईएस, एमबीबीएस, पीजी-एमडी, पीएचडी,बीएड आदि के ऑनलाइन-ऑफलाइन को मूल प्रमाण पत्र दिया गया है।
पहली बार पैट-2022 एवं 2023 के लिए संयुक्त रूप से इंट्रेंस एग्जाम जनवरी 2025 के लास्ट वीक में लिया गया।
इसी तर्ज पर पैट-2024 एवं 2025 के लिए जॉइंट इंट्रेंस एग्जाम के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित की गई है, जल्द ही इंट्रेंस एग्जाम की तिथि घोषित होगी।
छात्रों को अतिरिक्त शुल्क से मिली है मुक्ति:
कुलपति प्रो बीएस झा,कुलसचिव प्रो अशोक कुमार ठाकुर के निर्देश और परीक्षा नियंत्रक डा. शंकर कुमार मिश्रा के नेतृत्व में परीक्षा विभाग के कार्यों की गति और पारदर्शिता बढ़ी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब माइग्रेशन प्रमाण पत्र और अन्य सेवाओं के लिए स्टूडेंट्स को बिचौलियों और अतिरिक्त शुल्क से मुक्ति मिली है। स्कैनर के माध्यम से आनलाइन शुल्क जमा और प्रपत्र उपलब्धता की सुविधा शुरू की गई है। परीक्षा विभाग के लिए एक दर्जन काउंटर स्थापित कर दी है। प्रत्येक काउंटर को अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। इससे स्टूडेंट्स को सीधे संबंधित काउंटर से सेवा मिल रही है और उनकी परेशानी कम हुई है।।