Search
Close this search box.

डॉ. सुधांशु शेखर बने बीएनएमयू के उप कुलसचिव (अकादमिक)

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

सुधांशु शेखर बने उप कुलसचिव (अकादमिक)

जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर को उप कुलसचिव (अकादमिक) की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वे अकादमिक निदेशक डाॅ. एम. आई. रहमान को सहयोग करेंगे। कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है।

मालूम हो कि डॉ. सुधांशु शेखर ने जून 2017 में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) के रूप में योगदान दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद अगस्त 2017 में इन्हें जनसंपर्क पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई थी। इस भूमिका में इन्होंने काफी सराहनीय काम किया।

डाॅ. शेखर ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास में भी काफी योगदान दिया है। इनके प्रयास से भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् से भारतीय दार्शनिक दिवस और विश्व दर्शन दिवस के आयोजन हेतु अनुदान प्राप्त हुआ। साथ ही बिहार दर्शन परिषद् का 42 वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित भी प्रस्तावित है। ये दर्शन परिषद्, बिहार के संयुक्त मंत्री एवं मीडिया प्रभारी की भूमिका भी निभा रहे हैं।

डाॅ. शेखर ने शोध, शिक्षण एवं लेखन-संपादन में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। ये भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के प्रोजेक्ट फालो रहे हैं। इनकी तीन पुस्तकें ‘गाँधी- विमर्श’ (2015), ‘सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ’ (2014) और ‘भूमंडलीकरण और मानवाधिकार’ (2017) काफी लोकप्रिय हैं।

इन्होंने आठ किताबों का संपादन किया है। इनके दो दर्जन से अधिक शोध-पत्र और लगभग एक दर्जन रेडियो वार्ताएं प्रसारित हुई हैं। इन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए रिपोर्टिंग भी की है और आलेख एवं फीचर लिखते रहें हैं।

डॉ. शेखर की प्रारंभिक शिक्षा उनके नानी गाँव माधवपुर, खगड़िया के एक साधारण सरकारी विद्यालय से शुरू हुई थी। इन्होंने श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय, नयागाँव, खगड़िया से मैट्रिक और एसएसपीएस काॅलेज, शंभूगंज, बांका से इंटर किया। इस तरह इंटरमीडिएट तक इनकी पढ़ाई लिखाई साधारण संस्थानों से हुई।

तदुपरांत इन्होंने टी. एन. बी. काॅलेज, भागलपुर से स्नातक किया। इन्होंने तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से स्नातकोत्तर एवं पी-एच. डी. की डिग्री प्राप्त की है। इस तरह इनकी स्नातक से लेकर पी-एच. डी. तक की डिग्री एक छोटे से शहर भागलपुर से हुई।

इस तरह एक साधारण परिवार में जन्म लेने और सामान्य सरकारी संस्थानों से पढ़ाई करने के बावजूद इन्होंने अपनी मेहनत के दम पर शैक्षणिक उपलब्धियों को हासिल किया। बीपीएससी से असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में चयनित हुए और जनसंपर्क पदाधिकारी एवं उप कुलसचिव (अकादमिक) के पद तक पहुँचे।

READ MORE