कविता/ज़िन्दगी के इम्तिहान/ मोनिका राज, जेआरएफ, पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार

ज़िन्दगी के इम्तिहान
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मोनिका राज, जेआरएफ, पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार

केवल मेरा चेहरा ही नहीं ,
शख़्सियत भी तुमसे मिलती है l
माँ मेरी दुनिया अब भी,
बस तेरे पीछे चलती है ll

जब फंसती हूँ अंतर्द्वंद्व में ,
रुक कर बस यही सोचती हूँ ,
गर तुम होती तो क्या करती ?
फिर लेती हूँ निर्णय जीवन के
लोगों को ऐसा लगता है ,
कि कैसे हर बार मैं सही होती हूँ ?

चाहे रहूँ कहीं भी इस दुनिया में ,
तुम्हारे आँचल की छांव महसूस करती हूँ l
बेरंग दुनिया के धूप की इस तपिश में ,
शीतल मरहम-सी यह लगती है l
ज़िन्दगी के हर इम्तिहान में माँ ,
“मनु” जीत कर ही दम लेती है ll

-मोनिका राज, जेआरएफ, पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार