गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से ही महिलाओं का होगा संपूर्ण विकास: डॉ. नायडू कुमारी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा आयोजित की गई
सिंहेश्वर महोत्सव में श्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित किया गया
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संस्था थिएटरों के बैनर तले टीपी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत में महिलाओं की भूमिका विषय पर परिचर्चा और नवोदित कला का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह का उद्घाटन डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, नायडू मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर डॉ. नायडू कुमारी, नेहरू युवा केंद्र के डिप्टी कमिश्नर हुसैन जहां, पूर्व पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, छात्र संघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार परमार ने दीप प्रज्वलित किया।
कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता ठाकुर प्रसाद मण्डल, मधेपुरा के द्योतक प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि महिलाओं के पूर्ण शिक्षित होने के बाद ही सबल और समृद्ध समाज का निर्माण हो सकता है। उन्होंने सिंहेश्वर महोत्सव में कॉलेज थिएटर के कलाकारों की, महानतम नायकों की, की स्थापना की। उन्होंने कहा कि डॉ. नायडू कुमारी मधेपुरा की पहचान बनी हैं।
डॉ. डॉ. महिला चिकित्सक सहा नायडू मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर डॉ. नायडू कुमारी ने कहा कि वैयक्तिक थेरेपी स्थिर सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि “स्त्री-पुरुष सबों की जननी महिलाएं हैं। सृष्टि का आधार मां तेरी बदकिस्मती है। बेनजीर है, अद्भुत है, अद्भुत है, कमाल है। महिलाओं का त्याग और चरित्र बेमिसाल है।”
उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। लेकिन जनसंख्या के हिसाब से महिलाएं काफी पीछे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजना का फायदा हम नहीं ले सकते। डॉ. नायडू कुमारी ने कहा कि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चों को पालना और चूल्हा चौका करना ही नहीं बल्कि पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि 1951 में संसद में चार प्रतिशत महिलाएं थीं। 2019 में 14 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। महिलाओं के प्रति समाज का बंधन उन्हें आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न करता है।
डॉ. नायडू ने कहा कि सोशल रिफॉर्म लीव में महिलाओं की स्थिति बदल गई है। बाल विवाह, शती प्रथा आदि समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोशी में शिक्षित महिलाओं की संख्या 30-35 प्रतिशत है। इनमें से पाँच प्रतिशत महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है। जनसंख्या को आगे बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहना आवश्यक है। उन्होंने सिद्धांत के सिद्धांत के कार्य की प्रेरणा व्यक्तित्व की। उन्होंने नवोदित कलाकार को पूरी लगन और मेहनत से मंजिल हासिल करने की बात कही।
प्रोफेसर प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि महिलाओं के पूर्ण शिक्षित होने के बाद ही सबल और समृद्ध समाज का निर्माण हो सकता है। उन्होंने सिंहेश्वर महोत्सव में कॉलेज थिएटर के कलाकारों की, महानतम नायकों की, की स्थापना की। उन्होंने कहा कि डॉ. नायडू कुमारी मधेपुरा की पहचान बनी हैं
विशिष्ट अतिथि नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक हुस्न जहां एवं न्यूट्रिशन प्रोफेसर डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि बच्चों के कौशल विकास में छात्रों की पहली भूमिका और कहा कि बच्चे ही भारत का भविष्य हैं।
डॉ. संजय कुमार परमार ने स्नातक का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम को डॉ. राकेश कुमार, डॉ. कुमार सौरभ ने भी किया नामकरण। धन्यवाद ज्ञापन सचिव अमित आनंद ने किया। मास्टर्स थैरेथी के प्रमुख ट्रस्टी दिलखुश कुमार, नीरज कुमार निर्जल, अनीश गौतम, सुरभि, अंतरा किट्टी, संवेदना, ट्विंकल, सिद्धि, साक्षी, शानवी, खुशी, खुशी अहीर, नायरा राज सहित अन्य मौजूद थे।
https://youtu.be/b5chqYAYcc0