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डॉ. उदय कृष्ण : यादों के झरोखे से….

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डॉ. उदय कृष्ण को श्रद्धांजलि….                             ——————————————————–

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पूर्व महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डॉ. उदय कृष्ण का 10 मई, 2024 की रात्रि में  हृदय गति रुक जाने के कारण निधन हो गया।‌ हम बीएनएमयू संवाद परिवार की ओर से उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

पिछले एक-दो दिनों से मेरी तबियत खराब होने के कारण मैं डॉ. उदय बाबू के संबंध में अपना संस्मरण विलंब से लिख रहा हूं। इसका मुझे खेद है।

मैंने जून, 2017 में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा की अंगिभूत इकाई ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में योगदान दिया। यहां मुझे महाविद्यालय के कई वरिष्ठ शिक्षकों का भरपूर आशीर्वाद एवं स्नेह मिला। इनमें शिक्षक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, तत्कालीन सचिव सह सिंडिकेट सदस्य डॉ. परमानंद यादव, मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. अमोल राय, तत्कालीन अर्थपाल एवं वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. कपिलदेव प्रसाद, हिंदी विभाग की शिक्षिका डॉ. वीणा कुमारी, राजनीति विज्ञान के शिक्षक सह सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान,एवं वनस्पति विज्ञान के शिक्षक डॉ. उदय कृष्ण के नाम शामिल हैं।

यूं तो मैंने महाविद्यालय में कई छोटे-बड़े आयोजन किए, लेकिन उनमें 5-7 मार्च, 2021 में आयोजित दर्शन परिषद्, बिहार का 42वां अधिवेशन काफी खास रहा। इस अधिवेशन में मुझे कई लोगों का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सहयोग मिला।‌ खास बात यह रही कि तत्कालीन कुलपति प्रो. राम किशोर प्रसाद रमण तथा तत्कालीन प्रति कुलपति प्रो. आभा सिंह ने मुझे काफी संबल दिया और तीन दिनों के इस आयोजन में वे दोनों पांच बार आयोजन स्थल पर आए। मुझे दुख है कि मैं इस आयोजन में मैं डॉ. उदय कृष्ण साहेब का ज्यादा सहयोग नहीं ले सका। लेकिन इसके बावजूद उनको श्रद्धांजलि देने के क्रम में मुझे इस आयोजन की याद आ गई, क्योंकि वे पहले एवं एकमात्र व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वयं मुझे वाट्सएप मैसेज करके इस आयोजन में हर प्रकार के सहयोग की पेशकश की थी।

बहरहाल मैंने कई आयोजनों में डॉ. उदय के साथ काम किया। मैं महामना कृति नारायण मंडल की प्रतिमा अनावरण समारोह को भी नहीं भूल सकता हूं। इस प्रतिमा को बनबाने के लिए डॉ. उदय तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. परमानंद के आदेशानुसार राजस्थान गए थे। कई अन्य आयोजनों में भी उनका संचालन और खासकर रनिंग कामेंट्री बहुत अच्छा लगता था।

मैं कई आयोजनों में उनके द्वारा स्थापित यू. के. इंटरनेशनल स्कूल भी गया। एक कार्यक्रम में संस्थापक कुलपति प्रो. रमेन्द्र कुमार यादव रवि एवं तत्कालीन कुलपति प्रो. अवध किशोर राय साथ-साथ मंच पर थे। उस कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. परमानंद यादव ने मेरे सर पर हाथ रखकर मुझे आशीर्वाद दिया था।

गत वर्ष आयोजित सीईटी-2023 के दौरान मैं तत्कालीन डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह के साथ आब्जर्वर के रूप में यू. के. इंटरनेशनल स्कूल केंद्र पर गया था। वहां डॉ. उदय ने हमारा काफी गर्मजोशी से स्वागत किया था।

विश्वविद्यालय में भी जब वे महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) बने, तो मुझे वहां भी उनके साथ काम करने का अवसर मिला। वे विश्वविद्यालय का कार्य काफी उत्साह से करते थे और मुझे भी हमेशा प्रेरित करते रहते थे। लेकिन दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि  जब वे सेवानिवृत्ति हुए, तो उन्हें हमारे अपने ही विश्वविद्यालय के वित्त शाखा में पेंशन आदि का कार्य कराने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा  उस दौरान वे अक्सर मेरे पास इस व्यवस्था (‘सिस्टम’) के प्रति असंतोष जाहिर करते थे और इसे बदलने के लिए राजनीतिक सक्रियता की जरूरत बताते थे। शायद ‘सिस्टम’ में बदलाव की इसी आकांक्षा से उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय राजनीति की ओर एक नया कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष (शिक्षक प्रकोष्ठ) की जिम्मेदारी ली थी।

अंत में यह उल्लेखनीय है कि डॉ. उदय और मैं दोनों एक ही वंश से आते हैं- हम दोनों स्वतंत्रता सेनानी वंशज हैं। वे इस संगठन के सम्मानित प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे। इतना ही नहीं मैं मधेपुरा में जब से आया हूं, तभी से उनके ही मुहल्ले में रह भी रहा हूं- उनका पड़ोसी भी हूं।

कुल मिलाकर उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है। सादर नमन।

Bnmu Samvad
Author: Bnmu Samvad

Dr. Sudhanshu Shekhar, Bhupendra Narayan Mandal University, Laloonagar, Madhepura-852113 (Bihar), India

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