Poem। कविता/चाहत/पूजा शकुंतला शुक्ला, कंपनी सचिव, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, रांची, झारखंंड

चाहत
—–
फूलों को छू कर
तितलियों सा
होना चाहती हूँ।
बहुत देर तक
ठहर लिया,
अब मैं नदी
होना चाहती हूँ।
हँसना, खिलखिलाना
और खुल कर
रोना चाहती हूँ।
बहुत देर बादल-सी रही
अब मैं बारिश
होने चाहती हूँ।
दरख्तों से गले मिलना
और मछलियों को
चूमना चाहती हूँ।
बहुत रही खुद-सी
अब मैं चिड़िया
होना चाहती हूँ।
अपनी दिशा और दशा
दोनों खुद तय
करना चाहती हूँ।
बहुत बंधी रही
बेड़ियों और डोरियों में
अब मैं कटी पतंग
होना चाहती हूँ।

पूजा शकुंतला शुक्ला

कंपनी सचिव, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, रांची, झारखंड

शिक्षा
– कंपनी सेक्रेट्रीशिप,
-स्नातक – विधि और वाणिज्य, -स्नातकोत्तर-वाणिज्य
-डिप्लोमा इन इंटरनेशनल -बिज़नेस ऑपरेशन्स
-यूजीसी नेट -वाणिज्य

उपलब्धि-
-12 वी  में वाणिज्य संकाय में जिले में पहला स्थान
-कंपनी सचिव फाउंडेशन परीक्षा में राज्य भर में पहला स्थान
-कोलकाता  में आयोजित एस एम टी पी  प्रोग्राम में  फर्स्ट बेस्ट पार्टिसिपेंट .
-भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के राँची इकाई की पहली महिला ऑफ़िस बियरर
-भारतीय कंपनी सचिव संस्थान,रांची इकाई की पहली महिला सचिव
-भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, रांची इकाई  की पहली महिला कोषाध्यक्ष
-भारतीय कंपनी सचिव संस्थान , रांची इकाई की सबसे कम उम्र की निर्वाचित सदस्या
-देश  के प्रतिष्ठित पत्र व पत्रिकाओं  में आलेख  और कविताएं प्रकाशित
-दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्रों से  कविता पाठ प्रसारित
– प्रथम महिला ऑफिस बियरर सम्मान – नई दिल्ली
-सारस्वत सम्मान – राष्ट्रीय मेधा मंच, नई दिल्ली
-हिंदी साहित्य श्री सम्मान  – अर्णव कलश असोसिएशन
– शान ए ऊर्दू सम्मान – राँची
-झारखंड काव्य गौरव सम्मान – राष्ट्रीय कवि संगम
-स्व. वेद प्रकाश बाजपेयी स्मृति  साहित्य सम्मान 2019 – परिमल प्रवाह ,पलामू