विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग में मनाया गया भारतीय दार्शनिक दिवस
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वरविद्यालय, सागर के दर्शनशास्त्र विभाग में आदिशंकराचार्य की जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय दार्शनिक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह की मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता थीं। इस समारोह में बडी संख्या में छात्र-छात्राऍं एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे। प्रो. नीलिमा गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आदिशंकराचार्य के वेदान्तं दर्शन को जीवन के लिए उपयोगी बताया और उनके द्वारा भारत की चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना किए जाने के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा ने कहा कि आज मानव सभ्यता जिस संकट के दौर से गुजर रही है उसके लिए उसके पीछे का दार्शनिक चिन्तन ही जिम्मेदार है। एक धरती एक परिवार और मानवता के साझे भविष्य का दर्शन अद्वैत वेदान्त ही हो सकता है।
कार्यक्रम के आरम्भ में दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय दार्शनिक दिवस के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन दर्शन-विभाग की शोध-छात्रा अक्षरा सिंघई ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अतिथि व्याख्याता डॉ. सत्यनारायण देवलिया ने किया।