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BNMU *दर्शनशास्त्र के विकास पर चर्चा*

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*दर्शनशास्त्र के विकास पर चर्चा*

दर्शनशास्त्र विभाग, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. राजेश रंजन तिवारी ने प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह से शिष्टाचार भेंट की। प्रति कुलपति ने उनको अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं दर्शन परिषद् की स्मारिका भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर दर्शनशास्त्र के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस क्रम में यह बात सामने आई कि दर्शनशास्त्र का मानव- जीवन में काफी महत्व है। इसके पठन-पाठन को बढ़ावा देने की जरूरत है। लेकिन स्कूली स्तर पर दर्शनशास्त्र विषय का अध्ययन-अध्यापन नहीं होना चिंता का विषय है।

चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि इंटरमीडिएट स्तर पर दर्शनशास्त्र का वर्तमान पाठ्यक्रम दोषपूर्ण है।

इस पाठ्यक्रम में ग्यारहवीं में तर्कशास्त्र है, जिसे बारहवीं में होना चाहिए था। बारहवीं में दर्शनशास्त्र के मूलभूत मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसे ग्यारहवीं में होना चाहिए था।

साथ ही चूँकि ग्यारहवीं में विद्यार्थियों को पहली बार दर्शनशास्त्र से परिचय होता है, इसलिए पाठ्यक्रम को सरल एवं रोचक बनाने की जरूरत है।

इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार और असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. सुधांशु शेखर उपस्थित थे।

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