शिक्षा जगत में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव का नाम शैक्षिक उन्नयन की निरंतर गतिविधियों के साथ ही छात्र हित चिंतन और तत्सम्बन्धी क्रियान्वयन में सर्वोपरि रहा है। जिस कॉलेज में रहे, उसे सुदृढ़, विकसित कर उन्होंने उसका मानवर्धन किया है। कक्षा में छात्रों की अनुपस्थिति की समस्या पर 02 सितंबर को छात्रों से सीधा संवाद आयोजन भी उनका एक सराहनीय प्रयास है।
यह आज की सच्चाई है कि नामांकन के बाद छात्र क्लास करने नहीं आते अथवा उनकी नगण्य उपस्थिति होती है। ऐसा नहीं कि किसी एक-दो विषयों में, सभी संकायों-विषयों में। यहां तक कि बिहार के प्रायः सभी विश्वविद्यालयों का भी यही हाल है।
इस संदर्भ में छात्रों-अभिभावकों-प्राध्यापकों के परस्पर दोषारोपण से इसका हल न निकला है न निकलेगा।
विश्वविद्यालय-महाविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को कक्षा में लाने के पूर्व में कई प्रयास किए।किन्तु असफल रहे हैं। मेरा मानना है कि छात्र संगठनों के सद्प्रयासों से ही इसका समाधान संभव है। वे एक बार यह क्रांति कर दें, तो विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पुनः पटरी पर आ जाएगी।
—प्रभु नारायण लाल दास