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BNMU संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग में होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन। ऑनलाइन समीक्षा बैठक आज

संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग में होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन
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ऑनलाइन समीक्षा बैठक सोमवार को

निदेशक (उच्च शिक्षा), शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, पटना के के पत्र के आलोक में सभी संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग, नया सचिवालय, पटना में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) दिया जाना है। कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने सभी संबंधित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निदेशित किया है कि इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए पीपीटी को जिम्मेदारीपूर्वक तैयार किया जाए‌। जहां भी आवश्यकता हो विशेषज्ञों की मदद भी ली जा सकती है।

उपकुलकचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि कुलपति के निदेशानुसार पीपीटी की तैयारियों की समीक्षा हेतु 25 सितंबर, 2023 (सोमवार) को अ. 03 बजे से डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की गई है।

*उच्च शिक्षा विभाग के नामित पदाधिकारियों के समक्ष होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन*

उन्होंने बताया कि बीएनएमयू के 14 संबद्ध महाविद्यालयों का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) 26-30 सितंबर के बीच अ. 05 बजे से उच्च शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के नामित पदाधिकारियों के समक्ष सुनिश्चित है। इसके लिए उ. निदेशक दिवेश कुमार चौधरी, उ. निदेशक विभा कुमारी, निदेशक प्रो. रेखा कुमारी, सचिव वैद्यनाथ यादव, उ. निदेशक दीपक कुमार एवं विशेष सचिव सतीशचन्द्र झा के नाम निर्धारित हैं।

*26-30 सितंबर तक निर्धारित है पीपीटी*

उन्होंने बताया कि सबसे पहले 26 सितंबर को एकमात्र यूभीके कॉलेज, कडामा-मधेपुरा का पीपीटी होगा। तदुपरांत 27 सितंबर को 10 महाविद्यालयों का पीपीटी होना है। इनमें सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा, आदर्श कॉलेज, घेलाड़-मधेपुरा, एसपीएम लॉ कॉलेज, मधेपुरा, के. बी. वीमेंस कॉलेज, मधेपुरा, मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा, डिग्री कॉलेज, सुपौल, लक्ष्मीनाथ कॉलेज, बनगांव-सहरसा, बीएस कॉलेज, सिमराहा-सहरसा, ए. एल. वाई. कॉलेज, त्रिवेणीगंज-सुपौल एवं एस. एन. एस. महिला कॉलेज, सुपौल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 29 सितंबर को के. एन. डिग्री कॉलेज, राघोपुर-सुपौल एवं आर. पी. एम. कॉलेज, तुनियाही-मधेपुरा और 30 सितंबर को एस. ए. के. एन. डी. कॉलेज, मधेपुरा का पीपीटी होना है।

*पीपीटी के बाद ही जारी होगा अनुदान*
उन्होंने बताया कि पीपीटी के लिए कई महत्वपूर्ण निदेश प्राप्त हुए हैं। तदनुसार एक ही तिथि का जीपीएस मैप कैमरा (सॉफ्टवेयर) से खींचे गए सभी वर्ग कक्षों में संचालित वर्ग-कक्ष का फोटो पीपीटी में लगाना है। यही महाविद्यालय में वास्तविक छात्रोपस्थिति का साक्ष्य होगा। पीपीटी में पिछले एक सप्ताह का तिथिवार एवं विषयवार छात्र/छात्रा की उपस्थिति दर्ज करनी है।
पीपीटी के समय शासी निकाय/ ऐड-हॉक कमिटी के सभी सदस्य उपस्थित होंगे। पीपीटी के बाद ही विश्वविद्यालय द्वारा विभाग से सहमति प्राप्त कर संबद्ध महाविद्यालयों को अनुदान मुक्त किया जाएगा।

*दुबारा भेजा गया पत्र*
उन्होंने बताया कि कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर ने गत 19 सितंबर को ही सभी संबंधित महाविद्यालयों को इससे संबंधित पत्र प्रेषित किया जा चुका है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि तालिका मे निर्धारित कार्यक्रमानुसार निर्धारित तिथि को ससमय विभागीय प्रतिनियुक्त पदाधिकारी के समक्ष शिक्षा विभाग के सभागार में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन सुनिश्चित किया जाए। कुलपति के निदेशानुसार सभी संबंधित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को यह पत्र रविवार को दुबारा ई. मेल एवं वाट्सएप से भेजा गया है। इसके साथ ही सोमवार को निर्धारित ऑनलाइन बैठक की सूचना भी प्रेषित की गई है। इस बैठक में सभी संबंधित प्रधानाचार्यों को अपने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ उपस्थित होना अनिवार्य है।

*अत्यावश्यक सूचना*
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पीपीटी को लेकर सभी संबंधित संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों/प्रभारी प्रधानाचार्यों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में 25.09.2023 (सोमवार) को अपराह्न 03:00 बजे से आयोजित है‌।

सादर अनुरोध है कि बैठक में ससमय शामिल होकर इसे सफल बनाने का कष्ट किया जाए।
*लिंक* : https://meet.google.com/zkt-fqqj-ctb

इसे अत्यावश्यक समझा जाए।

माननीय कुलपति महोदय के आदेशानुसार
*कुलसचिव*

BNMU आठ संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों से कारणपृच्छा

*आठ संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों से कारणपृच्छा*

22 सितम्बर (शुक्रवार) को कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय केन्द्रीय पुस्तकालय में आयोजित सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक में अनुपस्थित पाए गए 8 प्रधानाचार्यों/प्रभारी प्रधानाचार्यों से कारणपृच्छा की गई है। कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर के हस्ताक्षर से पत्र जारी कर कहा गया है कि यह एक अत्यंत ही गंभीर मामला है, जो लापरवाही को दर्शाता है। अतः पत्र प्राप्ति के 03 (तीन) दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण कुलसचिव कार्यालय में समर्पित करें।

उन्होंने बताया कि जिन महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों से कारणपृच्छा की गई है उनमें के. बी. वीमेन्स कॉलेज, मधेपुरा, एस. ए. के. एन. डिग्री कॉलेज, मधेपुरा, बी. एस. आर. के. कॉलेज, सिंहेश्वर, मधेपुरा, देव नन्दनी डिग्री कॉलेज, बखरी- मधेपुरा, राम खेलावन झरीलाल डिग्री कॉलेज, खुरहान-मधेपुरा, ए. एल. वाई. कॉलेज, त्रिवेणीगंज- सुपौल, इवनिंग कॉलेज, सहरसा एवं एल. सी. कॉलेज, पस्तवार-महिषि- सहरसा के प्रधानाचार्य/प्रभारी प्रधानाचार्य शामिल हैं। इन सबों को

*जवाब आने के बाद होगी अग्रेत्तर कार्रवाई*

उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि कारणपृच्छा का जवाब आने के बाद उसे समेकित रूप से कुलपति के समक्ष उपस्थापित किया जाएगा। तदुपरांत आदेशानुसार अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को प्रधानाचार्यों के साथ कुलपति की पहली बैठक थी। उस बैठक में कुलपति ने विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में राजभवन, पटना के आदेशानुसार विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर लागू सीबीसीएस पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर आवश्यक निदेश दिया है। इसके अलावा सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं सीबीसीएस पाठ्यक्रम को केंद्र में रखकर कार्यशाला-सेमिनार आयोजित करने का निदेश दिया गया है।

BNMU प्रधानाचार्यों ने किया कुलपति का स्वागत*

*प्रधानाचार्यों ने किया कुलपति का स्वागत*
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भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत विभिन्न अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव का स्वागत किया है।
कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को निदेश दिया कि रूटीन के अनुरूप नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाए।

सभी प्रधानाचार्यों ने आशा व्यक्त किया कि इनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय, देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के बीच अपना स्थान बनाने में कामयाब होगा।

इस अवसर पर अवसर पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव, पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, बीएनएमभी कॉलेज, मधेपुरा डॉ. अरविन्द कुमार, आरजेएम कॉलेज, सहरसा के प्रो. (डॉ.) राजीव सिन्हा, एमएलटी कॉलेज, सहरसा के प्रो. (डॉ.) पवन कुमार, एलएमएस कॉलेज, वीरपुर के प्रो. (डॉ.) डी. एन. साह, एचपीएस कॉलेज, निर्मली के प्रो. (डॉ.) उमाशंकर चौधरी, केपी कॉलेज, मुरलीगंज के डॉ. जवाहर पासवान, मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा के डॉ. अशोक कुमार, यूभीके कॉलेज, कड़ामा के डॉ. माधवेन्द्र झा, डॉ. सुमन कुमार झा, डा. उपेन्द्र पंडित, डॉ. अरुण कुमार चौधरी, डॉ. सत्यजीत यादव, डॉ. अमरनाथ चौधरी, डॉ संजय कुमार आदि उपस्थित थे।

BNMU ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के गणित विभाग में दीक्षारंभ (सत्रारंभ) समारोह की तिथि भारी बारिश के कारण बढ़ा दी गई है। अब यह कार्यक्रम 26 सितंबर (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11:00 बजे से आयोजित किया जाएगा।

दीक्षारंभ 26 सितंबर को
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के गणित विभाग में शनिवार) को होने वाला दीक्षारंभ (सत्रारंभ) समारोह की तिथि भारी बारिश के कारण बढ़ा दी गई है। अब यह कार्यक्रम 26 सितंबर (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11:00 बजे से आयोजित किया जाएगा।

विभागाध्यक्ष ले. गुड्डू कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में सभी नामांकित विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य है। इसमें विद्यार्थियों को सीबीसीएस पाठ्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा वर्ग तालिका आदि उपलब्ध कराया जाएगा।

कार्यक्रम का उद्घाटन अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह, अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव करेंगे। मुख्य अतिथि महाविद्यालय के अर्थपाल डॉ. मिथलेश कुमार अरिमर्दन तथा विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर होंगे।

BNMU विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि : कुलपति। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

*विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि : कुलपति*
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विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

यह बात बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. राजनाथ यादव ने कही। वे शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हित में नियमित रूप से कक्षाओं के संचालन पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाएगा। सीबीसीएस पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।क्षसभी सत्रों को नियमित किया जाएगा। सभी विलंबित परीक्षाएँ अविलंब आयोजित होंगी और ससमय त्रुटिरहित परीक्षाफल का प्रकाशन सुनिश्चित कराया जाएगा। पेंडिंग की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में सभी कार्य नियम-परिनियम के अनुरूप विधिसम्मत तरीके से होगा। सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नियम-परिनियम की जानकारी रखें और उसका समुचित अनुपालन सुनिश्चित करें। विश्वविद्यालय में संचिकाओं का नियम-परिनियम के आलोक में त्वरित निष्पादन किया जाए। किसी भी परिस्थिति में किसी को भी विश्वविद्यालय के कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े।

उन्होंने कहा कि सभी स्नातकोत्तर विभागों और महाविद्यालयों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। पुस्तकालयों एवं प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। पुस्तकालयों का का डिजिटलाइजेशन होना बहुत जरूरी है। इससे छात्र घर बैठे अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से अध्ययन कर पाएंगे। इसके दिशा में प्रयास किया जाएगा।

पत्रकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तावित कोर्सों के शुरू नहीं हो पाने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संबंधित पदाधिकारी से जानकारी लेकर कारगर कदम उठाए जाएंगे। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक से मान्यता दिलाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। इसके लिए आईक्यूएसी के निदेशक से जानकारी ली जाएगी। गर्ल्स हॉस्टल के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कुलपति ने कहा कि वे मामले की जानकारी लेंगे और जो भी कमियां होगी उसे दूर किया जाएगा।

इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, उपकुलसचिव स्थापना डॉ. सुधांशु शेखर एवं कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।

BNMU *कुलपति की अध्यक्षता में सभी प्रधानाचार्यों की बैठक आयोजित* —— *एनईपी को सही तरीके से क्रियान्वयन हम सबों की जिम्मेदारी : कुलपति*

*कुलपति की अध्यक्षता में सभी प्रधानाचार्यों की बैठक आयोजित*
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*एनईपी को सही तरीके से क्रियान्वयन हम सबों की जिम्मेदारी*

बिहार सहित पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई है। यह नीति हमारे समाज एवं राष्ट्र के लिए हितकारी है। हम सबों की जिम्मेदारी है कि हम एनईपी को सही तरीके से क्रियान्वित किया जाए।

यह बात कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने कही। वे शुक्रवार को सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

*समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप एनईपी*

कुलपति ने कहा कि एनईपी समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप है और यह विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है। हम सबों को विद्यार्थियों को इसका लाभ दिलाना है।

*एनईपी पर हो कार्यशाला*

उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक एनईपी की समुचित जानकारी प्राप्त करें। सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं सीबीसीएस पाठ्यक्रम को केंद्र में रखकर कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जाए।‌

*सीबीसीएस लागू*

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-27 से चार वर्षीय स्नातक कोर्स (सीबीसीएस) का नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। इसके मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम और शुल्क सामान होगा। चार वर्षीय कोर्स 8 सेमेस्टर का है और इसके लिए 160 क्रेडिट तय किया गया है। प्रत्येक सेमेस्टर 20 क्रेडिट का होगा। छात्रों को अंतिम वर्ष के सातवें सेमेस्टर में पहुंचने तक 7.5 सीजीपीए प्राप्त करना होगा।


उन्होंने कहा कि तीन वर्षीय कोर्स करने के बाद डिग्री मिल जाएगी। चौथे वर्ष में पढ़ना अनिवार्य नहीं है। बीच में पढ़ाई छोड़ने पर भी विद्यार्थियों को यथोचित सर्टिफिकेट मिलेगा। 3 साल का स्नातक करने वालों के लिए पीजी दो वर्ष का होगा। 4 वर्षीय कोर्स करने वालों के लिए पीजी एक वर्ष का ही होगा। रिसर्च में भी सुविधा होगी।

उन्होंने एनईपी के अंतर्गत स्नातक में नामांकन, परीक्षा एवं परिणाम का कैलेण्डर बना हुआ है। बीएनएमयू में भी उस कैलेंडर का यथासंभव अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी और ससमय परीक्षा एवं परिणाम का प्रकाशन सुनिश्चित कराया जाएगा।

*विद्यार्थियों को अपनी मनपसंद पाठ्यक्रम चुनने की आजादी देता है सीबीसीएस*
उन्होंने कहा कि सीबीएसएस एक शैक्षणिक मॉडल है, जो विद्यार्थियों को अपनी मनपसंद पाठ्यक्रम चुनने की आजादी देता है। इस सिस्टम के अंतर्गत विद्यार्थी अपनी मनपसंद विषयों का चयन कर सकते हैं। जैसे कि राजनीति विज्ञान के साथ भौतिकी की भी पढ़ाई कर सकते हैं।


*विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद है सीबीसीएस*

उन्होंने बताया कि सीबीसीएस कोर्स करने से विद्यार्थियों को कई फायदा होगा। विद्यार्थी अपनी पसंद से जो भी विषय पढ़ना चाहें, उसका चयन कर सकते हैं। इस कोर्स के तहत जो अंक प्राप्त होंगे, वह ग्रेड के रूप में होंगे। विद्यार्थियों को प्रत्येक साल 2 एग्जाम देने होंगे इस कारण विद्यार्थी अच्छे से पढ़ेंगे। इसके अंतर्गत मूल्यांकन भी बहुत बेहतर से किया जाएगा।

*शिक्षकों एवं कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किया जाए*

उन्होंने कहा कि
सभी प्रधानाचार्य पूरे समय कार्यालय में रहें और अपने स्तर से सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करे। मुख्यालय छोड़ने के पूर्व विधिवत अवकाश लेते हुए वरीय शिक्षक को चार्ज दें।

उन्होंने बताया कि सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का उपस्थिति का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। अतिथि व्याख्याताओं सहित सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। जो अतिथि शिक्षक नियमित नहीं रहेंगे, उनकी सेवा का विस्तारीकरण नहीं किया जाएगा।

उन्होंने प्रधानाचार्यों को निदेश दिया है कि रूटीन के अनुसार कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित कराया जाए। विषयवार नामांकित एवं कक्षा में उपस्थित विद्यार्थियों का डेटा तैयार किया जाए। जिन विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं हो, उनका परीक्षा फार्म नहीं भराया जाए।

उन्होंने कहा कि एक भी विद्यार्थी आए, तो भी कक्षा ली जाए। इससे विद्यार्थियों के बीच सकारात्मक संदेश जाता है। दूसरे विद्यार्थी भी कक्षा में आने हेतु प्रेरित होते हैं। यदि कम विद्यार्थी आने पर कक्षा नहीं ली जाती है, तो इससे विद्यार्थियों के बीच नकारात्मक संदेश जाता है।

उन्होंने कहा कि यदि नियमित रूप से कक्षाएं होंगी, तो विद्यार्थी शिक्षक से जुड़ेंगे। इससे दोनों के बीच बेहतर संवाद कायम होगा। इससे महाविद्यालय में अनुशासन कायम होगा और कई समस्याओं का स्वत: समाधान हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि मैं गलतियों को गिनने नहीं, सुधारने आया हूं।‌ आपसी संवाद एवं समन्वय से कठिनाइयाँ दूर होगी। अंगीभूत महाविद्यालयों के साथ-साथ संबद्ध महाविद्यालयों की समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा।

कुलसचिव ने बताया कि बैठक में अनुपस्थित सभी प्रधानाचार्यों से कारणपृच्छा की जाएगी।

बैठक के पूर्व सभी प्रधानाचार्यों ने नवनियुक्त कुलपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया और आशा व्यक्त किया कि इनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय, देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के बीच अपना स्थान बनाने में कामयाब होगा।

इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर,प्रो. (डा.) कैलाश प्रसाद यादव, प्रो. (डॉ.) राजीव सिन्हा, प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, प्रो. (डॉ.) डी. एन. साह, प्रो. (डॉ.) उमाशंकर चौधरी, डॉ. जवाहर पासवान, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. माधवेन्द्र झा, डा. उपेन्द्र पंडित, डॉ.सुमन कुमार झा, डॉ. अरुण कुमार चौधरी, डॉ. सत्यजीत यादव, डॉ. अमरनाथ चौधरी, डॉ संजय कुमार, वित्त पदाधिकारी अरूण कुमार गुप्ता, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।

BNMU कुलपति की अध्यक्षता में बैठक आयोजित* —— *सभी अपने-अपने दायित्वों का करें निर्वहन : कुलपति

*कुलपति की अध्यक्षता में बैठक आयोजित*
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*सभी अपने-अपने दायित्वों का करें निर्वहन : कुलपति*

विश्वविद्यालय का सर्वांगीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सहयोग अपेक्षित है। सभी अपने-अपने दायित्वों का सम्यक् रूप से निर्वहन करेंगे, तो विश्वविद्यालय का विकास होगा।

यह बात कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने कही। वे गुरुवार को केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्षों एवं सभी विभागाध्यक्षों के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

कुलपति ने कहा कि वे स्वयं नियमित रूप से सभी विभागों एवं महाविद्यालयों का निरिक्षण करेंगे। विश्वविद्यालय के सभी पक्षों के साथ नियमित रूप से सभी विभागों एवं प्रधानाचार्यों संवाद करेंगे। सभी पक्षों की आपसी सहमति से सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। आवश्यकतानुसार राजभवन एवं राज्य सरकार के स्तर से मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का सभी कार्य नियम-परिनियम के अनुरूप हो और प्रशासन में पारदर्शिता रखी जाए। विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं कर्मी समर्पित भाव से कार्य करें।

कुलपति ने सभी संकायाध्यक्षों को निदेश दिया कि वे अपने-अपने संकायान्तर्गत आने वाले विभागों में नियमित रूप से निरीक्षण करें और सभी विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों की पूरे समय तक उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इस हेतु हरसंभव प्रयास किया जाए।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है। इसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। आवश्यकतानुसार अतिथि शिक्षकों एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों, विजिटिंग प्रोफेसरों से भी सेवाएं ली जाएंगी।

कुलपति ने कहा कि दुख की बात है कि महाविद्यालयों एवं विभागों में योग्य शिक्षक रहने के बावजूद विद्यार्थी कक्षा में नहीं आ रहे हैं। लेकिन निजी कोचिंगों में भीड़ लगी रहती है। सरकार ने सुबह में कोचिंग को बंद कर काफी सराहनीय कार्य किया है।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। एक भी विद्यार्थी कक्षा में आएं, तो भी कक्षा हो। इससे विद्यार्थियों के बीच एवं समाज में भी सही मैसेज जाएगा।

कुलपति ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को कक्षाओं में लाने के लिए प्रेरित करें। उन्हें यह बताएं कि प्रतिभा धन की मोहताज नहीं है। यदि ईमानदारीपूर्वक कठिन परिश्रम किया जाए, तो सफलता मिलनी तय है

कुलपति ने कहा कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप है। इसके अंतर्गत स्नातक स्तर पर सीबीसीएस कोर्स लागू किया गया है। इसके तहत हमें राजभवन द्वारा दिए गए गाइड लाइन का पालन करना है। राजभवन द्वारा निर्धारित समय सीमा अंतर्गत कक्षा शुरू हो और आंतरिक एवं बाह्य परीक्षा आयोजित किया जाए।

कुलपति ने सभी पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और विश्वविद्यालय के हित में समर्पित भाव से कार्य करें। सभी पदाधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि वर्तमान कुलपति के कार्यालय में विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।

इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजूम, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, विद्वत परिषद् सदस्य प्रज्ञा प्रसाद, विकास पदाधिकारी प्रो. (डॉ.) ललन प्रसाद अद्रि, निदेशक (प्रोन्नति कोषांग) प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, वित्त पदाधिकारी अरूण कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक शशिभूषण, महाविद्यालय निरीक्षक (कला) डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार, निदेशक (खेल) डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, उपकुलकचिव (पंजीयन) डॉ. दीनानाथ मेहता, उपकुलकचिव (अकादमिक) डॉ. दीपक कुमार गुप्ता, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, उपकुलकचिव (परीक्षा) डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव सहित कई पदाधिकारी, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

BNMU नवनियुक्त कुलपति का स्वागत समारोह आयोजित

*नवनियुक्त कुलपति का स्वागत*
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भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा के नवनियुक्त कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव का स्वागत सह सम्मान समारोह केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। इसलिए विद्यार्थियों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

कुलपति ने कहा कि सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं कर्मी नियम-परिनियम की जानकारी रखें और उसका समुचित अनुपालन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा सभी कार्य विधिसम्मत होना चाहिए और नियम-विरूद्ध कार्य नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीएनएमयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूर्णरूपेण लागू किया जाएगा। इसके लिए सबों को इसके विभिन्न पहलुओं की समुचित जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इसलिए सभी पदाधिकारी, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्रधानाचार्य आदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विषय में समुचित जानकारी प्राप्त करें और विद्यार्थियों को भी इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि सभी सत्रों को नियमित किया जाए। सभी विलंबित परीक्षाएँ अविलंब आयोजित हों और ससमय त्रुटिरहित परीक्षाफल का प्रकाशन हो।

उन्होंने कहा कि सभी नियमित वेतनभोगी एवं पेंशनधारियों को नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित किया जाए। सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को उनका सेवांत लाभ सेवानिवृत्ति के दिन ही सम्मानपूर्वक दिया जाए। विश्वविद्यालय में संचिकाओं का नियम-परिनियम के आलोक में त्वरित निष्पादन किया जाए। किसी भी परिस्थिति में किसी को भी विश्वविद्यालय के कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति *प्रो. (डॉ.) आभा सिंह* ने कहा कि
हमलोग जीवन में एक आदर्श स्थिति की कल्पना करते हैं। यह ऐसी स्थिति हैं जो कभी प्राप्त ही नहीं होगी। हम इस स्थिति प्राप्ति का प्रयास करते और जब तक हम प्राप्ति तक पहुँचने वाले होते हैं और हमारे सामने में नये आदर्श सामने आ जाते हैं। इस कारण मानव जीवन में हमेशा गत्यात्मकता बनी रहती है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रशासन, एक नियमित प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न प्रशासक आते हैं और विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर अग्रसर करते हैं। अधूरे कार्यों को आगे के प्रशासक आगे बढ़ाते है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सबका साथ, सबका प्रयास एवं सबका विश्वास जरूरी होता है, जो हमारे प्रधानमंत्री का मूलमंत्र है। यदि हम इस मंत्र के अनुरूप कार्य करें, तो निश्चित तौर पर समस्याओं का निवारण होगा और हमारी प्रगति भी होगी।

उन्होंने नवनियुक्त कुलपति को शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त किया कि इनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय, देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के बीच अपना स्थान बनाने में कामयाब होगा।

इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजूम, सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, विद्वत परिषद् सदस्य प्रज्ञा प्रसाद, विभागाध्यक्ष डॉ. राणा सुनील सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा कुलपति एवं प्रतिकुलपति को अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने की।

कार्यक्रम में विकास पदाधिकारी प्रो. (डॉ.) ललन प्रसाद अद्रि, निदेशक (प्रोन्नति कोषांग) प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, वित्त पदाधिकारी अरूण कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक शशिभूषण, एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार, निदेशक (खेल) डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, उपकुलकचिव (पंजीयन) डॉ. दीनानाथ मेहता, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. सदय कुमार, डॉ. सज्जाद अख्तर, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, उपकुलकचिव (परीक्षा) डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव सहित कई पदाधिकारी, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

BNMU नवनियुक्त कुलपति ने किया प्रभार ग्रहण

*नवनियुक्त कुलपति ने किया प्रभार ग्रहण*
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पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के कुलपति प्रोफेसर राजनाथ यादव ने गुरुवार को पूर्वाह्न बीएनएमयू के कुलपति का प्रभार ग्रहण किया। तदुपरांत उन्होंने सर्वप्रथम सुप्रसिद्ध समाजवादी नेता महामना भूपेंद्र नारायण मंडल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व सांसद एवं पूर्व कुलपति डॉ. महावीर प्रसाद यादव एवं जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

कुलपति ने कहा कि उन्होंने सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् हरिसिंह गौर द्वारा स्थापित हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) से शिक्षा ग्रहण किया है और वहीं के शिक्षक भी हैं। उनका सौभाग्य है कि उन्हें सुप्रसिद्ध समाजवादी विचारक एवं जननेता भूपेंद्र नारायण मंडल के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय की सेवा का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा कि वे समर्पित भाव से विश्विविद्यालय की सेवा करेंगे और इसके सर्वांगीण विकास हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे।

कुलपति ने कहा कि उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से अलग हुए पूर्णिया विश्वविद्यालय में प्रति कुलपति एवं प्रभारी कुलपति के रूप में कार्य किया है और संप्रति कुलपति की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्हें बीएनएमयू की बहुत अधिकांश समस्याओं की जानकारी है। शेष बातों की भी जानकारी प्राप्त की जाएगी। सभी समस्याओं का नियमानुकूल समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. पी. रमण, पूर्णिया विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) चंद्रकांत यादव, प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) अनंत गुप्ता, डॉ. डी. एन. यादव, डॉ. रामदयाल पासवान, पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) जगदेव प्रसाद यादव, विद्वत परिषद् सदस्या प्रज्ञा प्रसाद, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सचिव शंभू नारायण यादव, सहायक (प्रशासन) अमित कुमार, विनय कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।