Tag: भागलपुर

Hindi तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त / प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार
SRIJAN.AALEKH

Hindi तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त / प्रोफेसर डॉ. बहादुर मिश्र, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार

तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त मेरे प्राध्यापकीय जीवन के प्रारम्भिक दिन थे। उनदिनों मैं भागलपुर के टी.एन.बी. काॅलेज में पदस्थापित था। बी. ए. के पाठ्यक्रम में हिन्दी की एक पुस्तक लगी थी, जिसका सम्पादन स्थानीय वरिष्ठ प्राध्यापक ने किया था। उस पुस्तक की भूमिका के अतिरिक्त हर पाठ के पूर्व लिखित कवि/लेखक-परिचय में कम-से-कम डेढ़ दर्जन स्थलों पर सम्पादक महोदय ने ‘तदुपरान्त’ की जगह ‘तदोपरान्त’ का प्रयोग कर रखा था। यह मेरे लिए हैरान करने वाली बात थी; क्योंकि अर्थ की दृष्टि से दोनों में स्प ष्ट अन्तर है। चलिए, दोनों के बीच का तात्त्विक अन्तर समझें। तत्+उपरान्त = तदुपरान्त (व्यंजन सन्धि) का शाब्दिक अर्थ होता है-- उसके बाद (आफ़्टर दैट)। आपने ‘तत्’ (वह ) शब्द रूप पढ़ा होगा। पुलिंग में सः (एकवचन)- तौ (द्विवचन)-ते (बहुवचन) स्त्रीलिंग में सा (एक वचन)-ते ( द्विवचन)-ताः(बहुवचन) तथा नपुंसक लिंग में तत्(एकवचन)-ते...