
BNMU आत्मविकास की अवधारणा : संदर्भ अद्वैत वेदांत विषयक व्याख्यान आयोजित

व्याख्यान 8 को
सादर आमंत्रण
======
आत्मविकास की अवधारणा : संदर्भ अद्वैत वेदांत
-प्रोफेसर डाॅ. नरेश प्रसाद तिवारी
दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना (बिहार)
8 जून, 2020 (सोमवार), पूर्वाह्न 11.30 बजे
======
व्याख्यान 8 जून को
बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज फेसबुक डाॅट काॅम/ बीएनएमयू संवाद पर लगातार व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 8 जून, 2020 (सोमवार), को पूर्वाह्न 11.30 बजे से एक लाइव व्याख्यान का आयोजन सुनिश्चित है। इसका विषय है- ‘आत्मविकास की अवधारणा : संदर्भ अद्वैत वेदांत’।
इसके वक्ता हैं- प्रोफेसर डाॅ. नरेश प्रसाद तिवारी। प्रोफेसर तिवारी पटना विश्वविद्यालय, पटना (बिहार) के दर्शनशास्त्र विभाग से सेवानिवृत्त हैं।आप भारतीय दर्शन परिषद्, बिहार दर्शन परिषद् आदि के आजीवन सदस्य हैं।आप दर्शन परिषद्, बिहार के सामान्य अध्यक्ष (2018) रह चुके हैं।
कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में आपके शोध आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। था। आपने 9 पुस्तकों की रचना की है। इनमें ग्रीक एवं मध्ययुगीन दर्शन : एक अवलोकन, भारतीय दर्शन एवं पाश्चात्य दर्शन, भाषा विषलेषण (भारतीय), गाँधी के छह नैतिक मूल्य, मध्ययुगीन भारतीय दर्शन, चार्वाक का नैतिक दर्शन, भारतीय तर्कशास्त्र प्रमुख हैं। आपकी एक पुस्तक भाषा विषलेषण (भारतीय) को 2016 में अखिल भारतीय दर्शन परिषद् द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
प्रोफेसर तिवारी ने पटना विश्वविद्यालय, पटना से स्नातक (1975) एवं स्नातकोत्तर (1977) की डिग्री प्राप्त की और रांची विश्वविद्यालय, राँची से पी-एच. डी. (1982) किया। आपने जनवरी 1979 में मगध विश्वविद्यालय, बोध गया में सहायक प्राध्यापक के रूप में योगदान दिया। मार्च 1979 में आप पटना विश्वविद्यालय, पटना की सेवा में आए। आप जून 2016 में विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना से प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। आपके निदेशन में कुल 30 शोधार्थियों ने पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है।
जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने सभी शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर पूर्वाह्न 11.30 बजे तक जुड़े और उत्साहवर्धन करें।
उन्होंने बताया कि आगे भी कई व्याख्यान होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी, राजभवन के जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुनील कुमार पाठक सहित कई गणमान्य विद्वानों के व्याख्यान आयोजित किए जाएँगे।
BNMU। कुलपति की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक संपन्न। स्नातकोत्तर विभागों को सुदृढ़ करने पर बल
विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन हेतु विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों को सुदृढ़ करने हेतु एक आवश्यक बैठक शनिवार को कुलपति डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें पंद्रह मुद्दों पर चर्चा हुई और आवश्यक निर्णय लिए गए।
BNMU। नैक मूल्यांकन को लेकर कुलपति की अध्यक्षता में बैठक
BNMU # नैक मूल्यांकन हेतु विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों को सुदृढ़ करने हेतु एक आवश्यक बैठक
BNMU। ‘लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए बनो भोकल : अंग जनपद के संदर्भ में’ व्याख्यान 6 को
BNMU। पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण
पौधारोपण
भारतीय संस्कृति संपूर्ण चराचर जगत को एक मानती है। हमारी यह मान्यता है कि मनुष्य, मनुष्येतर प्राणी एवं चराचर जगत एक है।हम सबों के विकास एवं कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए हमारी संस्कृति में प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। प्रकृति- पर्यावरण की रक्षा पर ही मानव जीवन और संपूर्ण चराचर जगत का अस्तित्व निर्भर करता है। यह बात कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे गुरूवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में अपने स्वागत समारोह और प्रधानाचार्य के जन्मदिवस समारोह में बोल रहे थे। यह आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में किया गया था।
कुलपति ने कहा कि प्रकृति-पर्यावरण सभी जीवों के लिए है। इस पर सभी जीवों का समान अधिकार है। एक विवेकशील प्राणी के रूप में मानव की यह विशेष जिम्मेदारी है कि वो प्रकृति-पर्यावरण की रक्षा करे। इस दिशा में पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है।
कुलपति ने आह्वान किया कि धरती एवं पर्यावरण की सुरक्षा एवं इसकी देखभाल हम मानव का परम धर्म है। पौधे ना केवल हमें स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं, बल्कि हमें नया जीवन भी देते हैं। इसी तरह नदियों, पहाड़ों सभी का हमारे जीवन में महत्व है।
कुलपति ने कहा कि हम अपने जन्मदिवस या किसी शुभ कार्य के अवसर पर या किसी की स्मृति में एक पौधा लगाएँ। आज के पूरे विश्व में जो पर्यावरण की समस्याएं उत्पन्न हुई है, उसको दूर करने का यह एक उत्तम उपाय है। हम केवल पौधारोपण नहीं करें बल्कि पौधों की देखभाल भी करें और पेड़-पौधों का सम्मान करें। चराचर जगत से प्रेम यही हमारी पहचान है। हम लोग वृक्षों की पूजा करते हैं। यह हमारी संस्कृतिक विरासत है।
कुलपति ने आह्वान किया सभी महाविद्यालय टी. पी. काॅलेज से प्रेरणा लें। साफ सफाई पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। साथ ही साथ इसे ग्रीन जोन बनाए रखने में पूरा सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों की तारीफ करते हुए उन्हें हर प्रकार की जिम्मेवारी उठाने का भी आह्वान किया।
कुलपति ने प्रधानाचार्य को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। अन्य शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भी प्रधानाचार्य को जन्मदिन मुबारकबाद दी और कुलपति के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने बताया कि चार जून को उनका 63 वाँ जन्मदिन है। इसके उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में महाविद्यालय के गर्ल्स हाॅस्टल परिसर में 63 पौधे लगाए गए। हमने अपने जन्मदिवस को पर्यावरण को समर्पित किया। इस पुनीत अवसर पर प्रकृति के सानिध्य में जाना काफी सकुन दे रहा है। प्रकृति के साथ बिताया गया एक क्षण मानवों के साथ बिताए हजारों क्षणों से बेहतर है। मेरी स्मृति में आज भी वह बचपन हुबहू सुरक्षित है, जो प्रकृति के सानिध्य में बीता है।
उन्होंने बताया कि यह महाविद्यालय पहले से ही हरा-भरा है। इसके बावजूद दो वर्षों में यहाँ लगभग दो हजार पौधे लगाए गए। जहां भी खाली जगह मुझे मिली, उस जगह पर एक फलदार एवं छायादार पौधा लगाया गया।
उन्होंने बताया कि डाॅ. द्विवेदी लगभग 2 वर्षों के बाद महाविद्यालय आए हैं और कुलपति के रूप में उनका पहला आगमन है। नए कुलपति के आगमन से महाविद्यालय का वातावरण खिल उठा है। महाविद्यालय परिवार की ओर से उनका बहुत-बहुत स्वागत है।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डाॅ. उदयकृष्ण ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने किया। कार्यक्रम का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए किया गया।
इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, डाॅ. राजीव रंजन, डाॅ. गजेन्द्र कुमार, डॉ. ए. के. मल्लिक, अमित कुमार, स्नेहा, सीनेटर रंजन यादव, सौरभ कुमार चौहान, मणिष कुमार, गौरव कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
व्याख्यान तीन जून को
BNMU। पौधारोपण चार जून को
नॉर्थ नॉर्थ कैंपस स्थित महावीर प्रसाद यादव पार्क में 4 जून, 2020 को पौधारोपण किया जाएगा। यह जानकारी बीएनमुस्टा के महासचिव डॉ. नरेश कुमार ने दी।