Search
Close this search box.

*विकसित भारत एवं स्वामी विवेकानंद विषयक परिचर्चा आयोजित*

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

*विकसित भारत एवं स्वामी विवेकानंद विषयक परिचर्चा आयोजित*

विवेकानंद के दर्शन में है विकसित भारत की प्रेरणा : प्रधानाचार्य

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में विकसित भारत एवं स्वामी विवेकानन्द विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद (1863-1902) ने भारतीय जनमानस को उनके खोए हुए आत्मगौरव का बोध कराया और उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में शामिल होने की प्रेरणा दी। उनकी इस प्रेरणा से संपूर्ण भारत ने नई अंगराई ली और हम 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुए।

उन्होंने कहा कि विवेकानंद के दर्शन में सशक्त, समृद्ध एवं समावेशी समाज के निर्माण का सूत्र निहित है। यही सूत्र विकसित भारत का आधार है। यदि हम विवेकानंद के संदेशों को जीवन में अपनाएंगे, तो निश्चित रूप से आजादी के सौवें साल (वर्ष 2047) तक विकसित बनाने का स्वप्न साकार होगा।

*शास्वत हैं स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं*
मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं शास्वत एवं सनातन हैं। ये शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और आगे भी प्रासंगिक रहेंगी।

उन्होंने कहा कि विकसित भारत एक राष्ट्रीय प्रयास है, जो प्रत्येक नागरिक से राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान करता है। इसमें हमारे राष्ट्रीय विकास के विभिन्न पहलुओं यथा- आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, शैक्षिक सशक्तिकरण, तकनीकी उन्नति एवं टिकाऊ जीवन का समावेश है।

*भारतीयता की प्रतिमूर्ति थे विवेकानंद*
कार्यक्रम का संचालन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि विवेकानंद भारतीयता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने दुनिया को विश्वगुरु भारत के मूल स्वरूप एवं उसकी वास्तविक शक्ति का एहसास दिलाया। उन्होंने दुनिया को यह बताया कि भारत न केवल धार्मिक, सांस्कृतिक एवं दार्शनिक वरन् आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी दुनिया को दिशा दिखाने में सक्षम है।

धन्यवाद ज्ञापन गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्ड कुमार ने कहा कि युवा वर्ग ही समाज एवं राष्ट्र के भविष्य हैं। भारत को विकसित बनाने की मुख्य जिम्मेदारी युवाओं की है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी लोगों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। तदुपरांत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर पूर्व विकास पदाधिकारी प्रो. ललन प्रसाद अद्री, नेहरू युवा केन्द्र की उपनिदेशक हुस्न जहां, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, गौरव कुमार, सुंदरम कुमार, इंदल कुमार, अभिनव रमन, राजीव कुमार, सुमित कुमार, हिमांशु कुमार, अंशु राज, रोशन कुमार नीतीश कुमार, रमेश कुमार, अभिनव कुमार, बाबू साहेब, ज्योतिष कुमार, कृष्णा राज, नीरज कुमार, वाणी कुमारी, खुशी कुमारी, बमबम कुमार, मन्नू कुमार, चीकू कुमार सोनिया राज, रमेश कुमार, आयुष कुमार आदि उपस्थित थे।

READ MORE

षष्ठम् दीक्षांत समारोह (6th Convocation) दिनांक- 19.02.2025 में सहभागिता हेतु डिग्री/उपाधि प्राप्तकर्ताओं को (जिनके द्वारा विहित प्रपत्र में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन समर्पित किया गया है) को विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मालवीय पगड़ी, लाल बॉर्डर वाला पीला अंगवस्त्रम् एवं Entry Pass (Food Coupon सहित) के वितरण

[the_ad id="32069"]

READ MORE

षष्ठम् दीक्षांत समारोह (6th Convocation) दिनांक- 19.02.2025 में सहभागिता हेतु डिग्री/उपाधि प्राप्तकर्ताओं को (जिनके द्वारा विहित प्रपत्र में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन समर्पित किया गया है) को विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मालवीय पगड़ी, लाल बॉर्डर वाला पीला अंगवस्त्रम् एवं Entry Pass (Food Coupon सहित) के वितरण