भारतीय ज्ञान परंपरा : समसामयिक संदर्भ विषयक संवाद आयोजित
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बीएनएमयू, मधेपुरा की अंगीभूत इकाई ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आगामी 31 जनवरी, 2025 (शुक्रवार) को अ. 03 बजे से भारतीय ज्ञान परंपरा : समसामयिक संदर्भ विषयक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सह मुख्य अतिथि की भूमिका में दर्शनशास्त्र विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचएनबीयु), श्रीनगर-गढ़वाल में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) इंदु पाण्डेय खंडूरी की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में करने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दर्शनशास्त्र विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर (मध्यप्रदेश) के पूर्व अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के पूर्व महासचिव प्रो. (डॉ.) अम्बिका दत्त शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को समसामयिक संदर्भों में लोगों के सामने लाने की जरूरत है।
अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव ने की। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है। इसका आयाम धर्म एवं दार्शन से लेकर समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था और मनोविज्ञान एवं विज्ञान तक सभी क्षेत्रों में विस्तृत है। ऐसे में आज पूरा देश पुनः राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के आलोक में भारतीय ज्ञान परंपरा पर चिंतन-मनन करने में लगा है। आज का संवाद कार्यक्रम उसी की एक कड़ी है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन सचिव सह दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि यह संवाद पूर्णतः नि:शुल्क है और इसमें भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
कार्यक्रम में लगभग एक सौ चालीस प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इसका तकनीकी पक्ष डॉ. विनय कुमार (भोपाल) तथा सौरभ कुमार चौहान (मधेपुरा) ने संभाला।