बीएनएमयू : प्रशिक्षण कार्यशाला 31 जुलाई, 2024 को
ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से बीएनएमयू शिक्षकों एवम् शोधार्थियों को करेगा प्रशिक्षित : प्रो डॉ एम आई रहमान
एक दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यशाला में शिक्षकों एवं शोधार्थियों को साहित्यिक चोरी पर नियंत्रण करने के तरीकों की दी जाएगी जानकारी
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ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से बीएनएमयू एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन दिनांक 31 जुलाई को उत्तरी परिसर अवस्थित विज्ञान संकाय भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित करने जा रहा है। इस संबंध में कार्यशाला के कन्वेनर एवम् प्लेजियारिज्म डिटेक्शन सेंटर बीएनएमयू के विश्वविद्यालय कोऑर्डिनेटर प्रो डॉ एम आई रहमान ने बताया विश्वविद्यालय अन्तर्गत यूजीसी के निर्देशानुसार सभी शोध कार्य की जांच प्लेजियारिज्म जॉच केंद्र द्वारा 2019 से ही की जा रही है। समय समय पर यूजीसी द्वारा प्लेजियारिज्म सॉफ्टवेयर में परिवर्तन लाया जाता रहा है। हाल ही में यूजीसी कि इकाई शोधशुधी ने भारत के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि अब शोध प्रबंधों आदि की जांच ड्रिलबिट सॉफ्टवेयर से कराई जाए। ड्रिलबिट सॉफ्टवेयर भारत में निर्मित सॉफ्टवेयर है जिसे बंगलुरू अवस्थित कंपनी ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। यूजीसी ने इस सॉफ्टवेयर को ही भारत के सभी विश्वविद्यालयों में प्लागियारिज्म जांच हेतु लागू किया है। यह विदेशी भाषाओं के साथ ही साथ भारत के क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्यिक चोरी को पता लगाने एवम् पकड़ने में सक्षम है। ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के सभी विश्वविद्यालयों के समनवेयकों को इस सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दे रखा है। बीएनएमयू के प्रो. डॉ. विमलेंदु शेखर झा ने इस बात पर जोर डाला कि शिक्षकों एवं शोधार्थियों को भी प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वह भी पूर्ण रूप से सजग रहें। इस संदर्भ में ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बंगलुरू के क्षेत्रीय प्रबंधक अभ्यास सिंह जो कि उत्तरी भारत और पूर्वी भारत की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं से संपर्क स्थापित किया गया और उन्होंने इस संदर्भ में अपनी सहमति प्रदान कर दी। वह ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आधारित प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों को प्रदान करेंगे। डॉ एम आई रहमान ने इस संबंध में माननीय कुलपति महोदय का साधुवाद करते हुए बताया कि माननीय कुलपति विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए प्रयत्नशील है और उन्हीं के सहयोग से यह प्रशिक्षण कार्यकर्म सम्पन्न होने जा रहा है। डॉ रहमान ने बताया कि यह कार्यशाला ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में कराया जाएगा। ऑनलाइन के लिए तीस जुलाई को लिंक जारी कर दिया जाएगा। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले सहभागियों को किसी भी प्रकार का निबंधन शुल्क नहीं देना होगा।
कार्यशाला की रूप रेखा भी तैयार कर ली गई है। कार्यशाला 12 बजे से 4 बजे अपराह्न तक चलेगा। कुलपति प्रो. डॉ. विमलेंदु शेखर झा इस कार्यशाला के अध्यक्ष रहेंगे एवम् उन्हीं के द्वारा इस कार्यशाला का उदघाटन भी किया जाएगा। विशिष्ट अतथियों के रूप में चारों संकायाध्यक्ष, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी एवम् वाणिज्य शामिल होंगे। संसाधन व्यक्ति या सब्जेक्ट एक्सपर्ट के रूप में प्रो. डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव जूलॉजी विभाग एवम् प्रो. डॉ एम आई रहमान मनोविज्ञान विभाग अपना अपना व्याख्यान देंगे। मुख्य विषय विशेषज्ञ के रूप मेंश्री अभ्यास सिंह, ड्रिलबिट सॉफ्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बंगलुरू ऑनलाइन सहभागियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस संदर्भ में विश्वविद्याल ने एक अधिसूचना जारी कर सभी विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों की उपस्थिति को कार्यशाला में भाग लेने हेतु अनिवार्य कर दिया है।