टी. एन. बी. कॉलेज, भागलपुर में मेरे साथ एक ही सत्र में स्नातक की पढ़ाई करने वाले मेरे सहपाठी एवं प्रभात खबर, भागलपुर में रिपोर्टिंग के दिनों के सहकर्मी मित्र डॉ. अश्विनी कुमार जी को उनकी कृति ‘गुलदस्ता’ के लिए बहुत-बहुत बधाई। यहां यह बताना अनपेक्षित नहीं है कि आप मेरे उंगलियों पर गिने जा सकने वाले चंद अंतरंग मित्रों में से एक हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से आपकी हर उपलब्धियां मेरी व्यक्तिगत उपलब्धियों की तरह हैं और आपको बधाई देना स्वयं को बधाई देने के समान। ईश्वर से प्रार्थना है कि हमारी अनापेक्षित मित्रता चिरंजीवी हो!
-सुधांशु शेखर, मधेपुरा
