*गाँधी-मार्ग पर चलकर ही बचेगी दुनिया : प्रधानाचार्य*
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महात्मा गाँधी आज सशरीर हमारे बीच मौजूद नहीं हैं। 30 जनवरी, 1948 को उन्होंने अपना भौतिक शरीर छोड़ दिया।लेकिन उनका प्रेरणादायी विचार हमेशा हम सबों के साथ है और आज हम सभी यह महसूस कर रहे हैं कि गाँधी के बताए मार्ग पर चलकर ही दुनिया बचेगी।
यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे महाविद्यालय में गाँधी शहादत दिवस पर गुरुवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा एवं परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) एवं सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया गाँधी के विचारों की ओर आकर्षित है। आज गाँधी-विचार की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हम गाँधी के विचारों से प्रेरणा ग्रहण कर सकते हैं।
*गाँधी का संपूर्ण जीवन प्रेरणादायी*
मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि गाँधी का संपूर्ण जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का संदेश दिया है। आज दुनिया को इस संदेश की आवश्यकता पहले से भी ज्यादा है।
*अंतरात्मा में मौजूद गाँधी को जगाने की जरूरत*
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि गाँधी एक मानव थे। हम उनको मानव ही रहने दें। उनको देवता या दानव बनाना बंद करें।
उन्होंने कहा कि गाँधी के सिद्धांत बिल्कुल सहज एवं स्वाभाविक हैं। हम सभी के अंतरात्मा में गाँधी मौजूद हैं। हमें उसे जगाने की जरूरत है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सबों ने गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की। अंत में दो मिनट का मौन रखकर राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्ड कुमार, दीपक कुमार राणा, मिथिलेश कुमार, डॉ. यासमीन रसीदी, डॉ. कुमार सौरभ, डॉ. शहरयार अहमद, डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, निकिता वर्धन, जूही कुमारी, मुस्कान राज, स्वाति कुमारी, सत्यम कुमार, काजल कुमारी, संदीप कुमार, प्रतीक कुमार, बाबू साहेब, राजू कुमार, राजेश ठाकुर, प्रशांत कुमार, सत्यम कुमार, दीपक कुमार, उज्जवल कुमार, ज्योतिष कुमार, धीरज कुमार, आयुष कुमार आदि उपस्थित थे।