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आरआरसी के पीयर एडुकेटरों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

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*आरआरसी के पीयर एडुकेटरों को दिया जाएगा प्रशिक्षण*

*होगा जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन*
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों द्वारा रेड रिबन क्लब (आरआरसी) की वार्षिक गतिविधि में सहयोग किया जाएगा। इसे प्रभावी बनाने हेतु स्वयंसेवकों को पियर एडुकेटर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 02 से 24 जून, 2025 तक बिहार के सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

*तीनों जिलों में होगा कार्यक्रम*
एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि पियर एजुकेटर के इस प्रशिक्षण हेतु बीएनएमयू क्षेत्रांतर्गत आने वाले तीनों जिलों का चयन किया गया है। इस कड़ी में मधेपुरा, सहरसा एवं सुपौल में 20-24 जून के बीच एक-एक दिन का जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें आरआरसी संचालित महाविद्यालयों के न्यूनतम दो एवं अधिकतम पांच चुने हुए प्रतिभागी भाग ले सकेंगे।

*मिलेगा प्रमाण-पत्र एवं पुरस्कार*
उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों को बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा नामित साधनसेवी विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षणोपरांत सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया जाएगा और टेस्ट के आधार पर पांच उच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

*कुलपति ने दिया है आरआरसी को भी सक्रिय बनाने का निदेश*
उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने एनएसएस के साथ-साथ आरआरसी को भी सक्रिय बनाने का निदेश दिया है। उनके निदेशों के आलोक में आरआरसी की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें पियर एडुकेटरों के प्रशिक्षण से काफी मदद मिलेगी। प्रशिक्षित एजुकेटर बेहतर तरीके से एड्स एवं स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए कार्य कर सकेंगे।

*बीएनएमयू में हैं 34 क्लब*
उन्होंने बताया कि बिहार के विभिन्न संस्थानों में 420 रेड रिबन क्लब सक्रिय हैं। बीएनएमयू के विभिन्न महाविद्यालयों में 34 क्लब गठित हैं। पियर एजुकेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन सभी क्लबों की सक्रिय सहभागिता अपेक्षित है।जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अतिरिक्त सभी प्रधानाचार्यों तथा नोडल पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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